Kargil युद्ध में भारतीय सैनिकों के तारणहार थे अहमद, वीरान द्रास में हमेशा डटे रहे जवानों के लिए
Kargil war: करगिल में 1999 में युद्ध छिड़ने पर हर कोई अपनी जान बचाने के लिए द्रास शहर छोड़कर जा रहा था लेकिन नसीम अहमद (71) अपने पथ से एक पग भी नहीं डगमगाए और लद्दाख की दुर्गम पहाड़ियों में शत्रु सेना से लड़ रहे सैनिकों के लिए चाय और भोजन परोसते रहे.
source https://zeenews.india.com/hindi/india/naseem-ahmed-savior-of-indian-soldiers-in-kargil-war-always-stood-in-deserted-drass-for-soldiers/1799226
Labels: India
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